आज फिर याद आई उन पलों की


आज फिर याद आई उन पलों की, 
जिनमें शामिल तू ही थी। 
याद आया फिर वह दिन कि, 
 मेरी ज़िन्दगी का हासिल तू ही थी॥

आज फिर साँसें बोझिल हुई, 
आज फिर आँखें सजल हुई। 
आज एक बार फिर से, 
चेतना मेरी निबल हुई॥

क्या खूब थे पलछिन वो, 
था जिनमे बस तेरा एहसास। 
बन गई थी मेरे लिए तू, 
कभी न मिटने वाली प्यास॥

 याद से तेरी दूर नहीं, 
हो पाया ना हो पाउँगा। 
चलेगी हर पल मुझमे रहकर, 
जहाँ जहाँ मैं जाऊँगा॥

तुझे कभी भी पता न था, 
अक्स बन गई कब तू मेरा। 
जबसे जुड़ गया तुझसे मैं, 
बस उस पल से मैं हो गया तेरा॥

क्या थी कमी प्यार में मेरे, 
जो अजनबी-सा कर डाला। 
नहीं समझेगी तू किस तरह, 
खुद को गिरते हुए संभाला॥

याद तो मैं आऊंगा जब भी, 
सच्चा प्यार नज़र आएगा। 
प्यार मेरे जैसा तुझको, 
 कोई नहीं अब कर पाएगा॥

तेरी तकलीफों में तड़पा, 
तेरे साथ में जगा रहा। 
क्या उन वफाओं का सिला, 
मेरे लिए तेरी दगा रहा॥

हर उस पल में जब मुझको, 
सिर्फ़ ज़रूरत तेरी थी। 
बस उस पल में ही तूने, 
 मुझसे नज़रें फेरी थीं॥

कोई गिला, शिकवा भी, 
करता नहीं उस हाल पर। 
क्या किया मैने? 
बस हैरत में हूँ इस सवाल पर॥

बेवफाई जैसा कुछ भी ना किया था, 
जो इतनी दूर हो गई तुम। 
सालों की वफ़ा लम्हों में भुलाके, 
आज दिल का नासूर हो गई तुम॥

खैर ख़ुशी से रहो दुआ से मेरी, 
 बस खुशियाँ ही पाओगी। 
खुद को मुझमें देखोगी गर, 
अंतिम समय भी मिलने आओगी॥










Comments

  1. Dil ki baat seedhe dil se !!!!!
    Love the words shows your depth in writing !!
    Keep writing !!!:-)

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  2. really...
    thats came through frm ur heart...
    nice one...
    keep it up...dude....

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