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आजा उतरके ए खुदा अब है क्या तू देख रहा [Hindi Poem on terrorism]

आजा उतर आ  ए खुदा ,अब है क्या तू देख रहा। उतार चोला मानवता का ,खुद मानव ही फेंक रहा। नहीं समझ आता अब बिल्कुल  , कौन जानवर कौन इंसान। बनके जानवर लिए जा रहा , इंसां ही इंसां की जान।। नाम तेरा लेके  वो , खेल रहे हैं खूनी खेल। भक्त तेरे निरीह होकर , रहे हैं हर मंज़र को झेल। हर मंज़र में आंसू हैं , हर मंज़र में बेदर्दी है। इक नई कौम सी उभरी है , जिसका धर्म ही दहशतगर्दी है। चिताओं से अपनी देह को , है राक्षस वो सेंक रहा।। आजा उतरके ए खुदा , अब है क्या तू देख रहा। उतार चोला इंसानियत का , खुद इंसान  ही फेंक रहा। पिता का था वो लाडला , माँ की आँखों का तारा था। छीन लिया बेरहमों ने , उनके जीवन का वो सहारा था। उन मासूमों की खता थी क्या जो इस तरह उनको मार दिया। अक्स - ए - खुदा  कहाने वाले मासूमों को , मौत के घा ट उतार दिया। फिर उन हैवानों की करनी में , तेरा ही  उल्लेख रहा।। आजा उतरके ए खुदा अब है क्या तू देख रहा। उतार चोला इंसानियत का खुद इंसान  ही  फेंक रहा। मानवता  मिटाने का , उनका इरादा पक्का है। इस स्वर्ग से सुन्दर धरा को बस , नरक बना

आओ हम सब मिल करके नये भारत का निर्माण करें

बहुत ही सुन्दर , बहुत ही प्यारा , है ये भारतवर्ष हमारा , सारी खुशियाँ हमको देता , सबसे अच्छा मित्र हमारा। सुन्दरता इसकी बनाए रखें हम , हर पल इसका सम्मान करें , आओ हम सब मिल करके , नये भारत का निर्माण करें॥१॥ हमको जीवन देती हैं , गंगा जमुना कावेरी कृष्णा ,   अविरल बहती रहती हैं , शांत करें हम सबकी तृष्णा। मैल , गर्द इसमें ना मिलाएँ , इनकी सफाई का ध्यान धरें , आओ हम सब मिल करके , नये भारत का निर्माण करें॥२॥ आते - जाते , खाते - पीते सर्वत्र जो दूषित करते हैं , फ़िर उन्ही राहों से हम साँसें रोक गुज़रते हैं। बदल के हम इस आदत को देश सेवा में योगदान करें , आओ हम सब मिल करके , नये भारत का निर्माण करें॥३॥ जा सके जहाँ वाहन के बिना , तो जाने में क्या हर्ज़ है , प्रकृति माँ को सुरक्षित रखना , हम सबका ही फर्ज़ है। ना और प्रदूषण फैलाऐं , ना धरती माँ का नुकसान करे , आओ हम सब मिल करके , नये भारत का निर्माण करें॥४॥ रक्षक बन के रक्षा करत

Andhvishwas ek kahani the end [Story in Hindi]

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Wo leke chalne laga to usne bhi picha krna shuru kiya,use shamshaan pe rukte dekh wo andar tak kaanp gai.maa ki mamta ghayal ho gai hai “mera beta mere samne kaha tak le jaya gaya wo bhi mere pati uske pita ke dwara hi.” Khud ko sambhalte hue usne police ko phone kr diya aur dabe paanv piche chaldi .mradul us baba ko dekhke dar se rone laga.wo baba muskuraya aur uske sar pe vaaar krke use behosh kr diya aur suryansh se bola”aj tune chandi ko prasanna kiya h me aj amar hojaunga  aur tujhe manchaahi sabhi chize mil jaegi. “ Balivedi pe apne bête ko us baba ke ishaare se le jane laga.use dekh patni chillate hue aai aur boli “ ye ap kya kr rahe hain? Apne ansh ko khud mitane ja rahe hain jisko sardi bhi ho jati thi to raat bhar sote nahi the.jisko chot lag jati to apke ansu nikalte the aur aj ap uska khoon khud bahayenge kuch nahi chahiye hame bas hum apni pehle ki zindgi me hi khush rahenge.bhagwan ke liye ye anarth mat kijiye chahe to ap meri jaan lelijiye” Baba bola “ye tujhe