आओ हम सब मिल करके नये भारत का निर्माण करें
बहुत ही सुन्दर, बहुत
ही प्यारा, है ये भारतवर्ष हमारा,
सारी खुशियाँ हमको
देता, सबसे अच्छा
मित्र हमारा।
सुन्दरता इसकी
बनाए रखें हम, हर
पल इसका सम्मान
करें,
आओ हम सब मिल
करके,नये भारत
का निर्माण करें॥१॥
हमको जीवन देती
हैं, गंगा जमुना
कावेरी कृष्णा,
अविरल बहती
रहती हैं ,शांत करें हम सबकी
तृष्णा।
मैल,गर्द इसमें
ना मिलाएँ, इनकी सफाई
का ध्यान धरें,
आओ हम सब मिल
करके, नये भारत
का निर्माण करें॥२॥
आते-जाते,खाते-पीते सर्वत्र
जो दूषित करते
हैं,
फ़िर उन्ही राहों
से हम साँसें
रोक गुज़रते हैं।
बदल के हम इस
आदत को देश
सेवा में योगदान
करें,
आओ हम सब मिल
करके, नये भारत
का निर्माण करें॥३॥
जा सके जहाँ
वाहन के बिना, तो
जाने में क्या
हर्ज़ है,
प्रकृति माँ
को सुरक्षित रखना, हम
सबका ही फर्ज़
है।
ना और प्रदूषण
फैलाऐं, ना धरती
माँ का नुकसान
करे,
आओ हम सब मिल
करके, नये भारत
का निर्माण करें॥४॥
रक्षक बन के
रक्षा करता है, हिमालय हिन्दुस्तान की,
महासागर जिसके
पाँव पखारे, बात है ये
अभिमान की।
फिर हम इंसाँ
इसको मलिन करें
क्यूँ ,क्यूँ
इसका अपमान करें,
आओ हम सब मिल
करके नये भारत
का निर्माण करें॥५॥
सरदार भगतसिंह,
बापू और अनगिनत
वे महापुरूष,
बलिदान दिया
उन महापुरूषों ने ये
देश आज़ाद कराया
था।
क्या यूँ ही ज़ाया
जाने देंगें हम उनके
बलिदान को?
स्वच्छ,अनुपम भारत
देकर हम उन वीरों पर अभिमान करें,
आओ हम सब मिल
करके नये भारत
का निर्माण करें॥६॥
Comments
Post a Comment