इज़ाज़त है तुझको फिर ,मुझे तबाह कर जाने की


इज़ाज़त है तुझको फिर ,मुझे तबाह कर जाने की। 
आखिर पिछली तबाही का बचा हुआ टुकड़ा ही तो हूँ। 
तहस नहस करजा मेरी बची हुई दुनिया को। 
अब तो वैसे भी रोया हुआ दुखड़ा ही तो हूँ। 

फिर भी है इस बची हुई ज़िन्दगी में तेरी ही आरज़ू। 
जी रहा हूँ अब तक रखकर दिल में तेरी जुस्तजू। 
करदे तबाह कि आके मेरी दुनिया  मिटा जा । 
इसी बहाने मुझे तेरा दीदार तो करा जा। 
सोचूंगा आज रब मुझपे हुआ मेहरबान है। 
कि जान मेरी लेने आई आज मेरी  जान है। 
ज़िन्दगी की सब खलिशें मेरी मौत पे ख़त्म हो जाएगीं। 
बेवजह जागी हैं जो ,वो सारी ख्वाहिशें सो जायेगी। 

फिर नई ख्वाहिशों का ,अरमानों का जनम होगा। 
फिर खिलेगा दिल मेरा ,फिर कोई सनम होगा। 
बस खुदा उस प्यार को कामयाब तू कर देना। 
सारे पुराने घावों को अपनी मेहर से भर देना। 








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