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Power tools

Dear friends, Today I am talking about the tools which would never let us fail in any trouble, any disaster.So let us have a look at them. Actually I am sharing these divine weapons after a lot of experience. With the help of those arrows which never let the quiver empty even after using them thousand times & so on. Neither these can achieved by study nor listening from the "Pravachans"(lectures) of sages. They come from the desire to absorb in or grasp them & implying   them just from the moment when you observe it from somewhere.  Like a story of a king, who was hidden in a cave after his defeat in a war , but when he saw an ant trying to climb on the  wall. The ant was failing again & again but ant was not giving up.The king got a great lesson of perseverance as well as self confidence. He used that weapon & eventually he got succeeded.  So only knowing them is not appropriate but to practice them is necessary. Let's have a look on...

ओ दुनिया के संतराश नई दुनिया में वो मूर्ति बनाना

#poemonnewworld #hindipoetry ओ दुनिया के संतराश नई दुनिया में वो मूर्ति बनाना जिसका हर गुण सुगुण ही हो ,दुर्गुण की मिटटी ना हो। जो सच्चाई से ढला हुआ हो जिसका कण -कण सच्चा हो। बुराई की हवा से सूखे ना ,बस वो पाये जो अच्छा हो। ना नफ़रत की आंधी में घिरे ,लालच से वो हिले नहीं। चढ़े धूल मक्कारी की ,पर उसकी मिटटी से मिले नहीं। शैतान उस दुनिया में अपना अस्तित्व ना बना सके। पड़ जाये  उसको भी तेरी अच्छाई को अपनाना , ओ दुनिया के संतराश नई दुनिया में वो मूर्ति बनाना। ना भाई ,भाई को मारे ,ना बेआबरू कोई नारी हो। ना माँ को मारे बेटा कोई ,वो दुनिया इतनी प्यारी हो। संतुष्ट रहे हर प्राणी ,ना लालच ,लोभ ना पाप बढे। धर्म के नाम पे आतंक ना हो ,ना कोई भीषण मौत मरे। हथियारों की दरकार ना हो ,ना भेदभाव ना सीमाएँ हों। एक ही मिटटी से बने हुए सब एक दूजे के साये हों। उस दुनिया में रहने वालों को आये परस्पर प्रेम बढ़ाना,ओ दुनिया के संतराश नई दुनिया में वो मूर्ति बनाना।

यारों की यारी

दिल के कैनवास पे रंगों सी खिले  यारों  की यारी। चंद पलों में खुशियाँ देती है हमको दुनिया की सारी। बेदर्द ज़माने में बस ये है सब दर्दों की एक दवा। जैसे गर्म थपेड़ों में मिल जाये शीतल सी हवा।।

मानवता तो विलुप्तप्राय सी खोती हुई भावना है

सामंजस्यता का अभाव है ,वैमनस्यता का प्रभाव है। मानवता तो विलुप्तप्राय सी, खोती हुई भावना है।। धैर्य ,प्रेम और विनम्रता से,वंचित है हरएक इंसान। क्रोध,ईर्ष्या से भरे हुए हैं,हावी है सब पर अभिमान। हर तरफ दिख रहे अनाचार ,अत्याचार व  प्रताड़ना है। मानवता तो विलुप्तप्राय सी, खोती हुई भावना है।। सामंजस्यता का अभाव है ,वैमनस्यता का प्रभाव है। मानवता तो विलुप्तप्राय सी, खोती हुई भावना है।। गिर गए हैं मूल्य जीवन के ,मानसिकता विकलांग हुई है। नीरस सी हो रही ज़िन्दगी ,ये दुनिया बेरंग हुई है। क्या ऐसे ही जीते -जीते ,हमको वक़्त बिताना  है। मानवता तो विलुप्तप्राय सी, खोती हुई भावना है।। सामंजस्यता का अभाव है ,वैमनस्यता का प्रभाव है। मानवता तो विलुप्तप्राय सी, खोती हुई भावना है।। ना है दिल में किंचित भी दया है ,ना है किंचित भी

India,that is Bharat

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दोस्ती

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दोस्ती खुदा की दी हुई नेमत है। दोस्त सच्चा हो तो दुनिया में हम कभी अकेले नहीं होते। मुझे भी खुदा ने अता फ़रमाई है ये नेमत। इसीलिए दिल  से निकली ये चार पंक्तियाँ जो आपसे साझा कर रहा हूँ,जल्दी ही पूरी कविता आपके समक्ष होगी। आप सभी को मकर संक्रांत की हार्दिक शुभकामनायें। स्वस्थ रहिये, मस्त रहिये ,व्यस्त रहिये 

हिम्मत और धैर्य

हिम्मत और धैर्य ये दो वो शस्त्र हैं जिनके पास  होने से हम इतने ताकतवर हो जाते हैं कि हम हर मुश्किल ,विपरीत ,जटिल परिस्थितिओं से बाहर आ सकते हैं। जंग हमारे अंदर की हो बाहर की हो हर जंग में विजयी हो सकते हैं, क्यूँकि ये हमें वो आत्मबल प्रदान करती हैं कि हम निराशावादी वक़्त की गिरफ्त  में रहकर भी आशावादी भविष्य की सोच रखके उस जानलेवा समय से भी बाहर आ जाते हैं। मैं इन ताकतों को पहचान चुका हूँ और आज ये ताकतें ही हैं की मैं आज ये लिख पा रहा हूँ। मैने जब अपने सबसे अज़ीज़ ,मेरे आदर्श ,मेरे दादाजी को खोया तब मुझे लगा जैसे अब सिर्फ शरीर ही बचा है मेरी आत्मा तो जा चुकी है। आज से तक़रीबन १२-१५ वर्ष पहले जब दादाजी ने मेरा जीवन बीमा करवाके मुझसे कहा था कि "जब तक हम हैं तब तक हम भरेंगे ,हमारे बाद तुम " इतना सुनते ही मैं बहुत तेज़ रोया था उनसे लिपटकर। मुझे हमेशा इस ख़याल से ही दर लगता था कि उनसे बिछडके मैं जीऊंगा कैसे????? आज वो नहीं हैं मेरे पास लेकिन मै जब दुनिया से जाऊँगा तभी समझूंगा कि अब मेरे दादू मेरे साथ ही जा रहे हैं,तब तक वो मेरे अंदर हमेशा रहेंगे। और शायद उन्ही को आत्मसात करन...