Natural beauty






























प्रकृति माँ है तुम्हें नमन, निस्वार्थ हमें जीवित रखती हो।
बगैर कुछ भी लिये हुए सतत ये ही करती रहती हो।
      ना इक पल भी रूकती हो ,ना इक पल भी थकती हो ।
      तुम ही हो श्रोत अप्रतिम बल का तुम ही माँ महाशक्ति हो॥













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