इश्क़ में जब खामोशी की जुबां बात करती है [Hindi romantic Poem]
#poemonloveinhindi #lovepoem इश्क़ में जब खामोशी की जुबां बात करती है तब आँखे आँखों से मुलाक़ात करती हैं बस फिर बन जाता है दिल तक का रास्ता जुड़ जाता है एक हसीं सा राबता कब दिल एक दूसरे की धड़कन में धड़कने लगते हैं कब साँसों में यादों के सिलसिले चलने लगते हैं कब एक का दर्द दूजे की तड़प बन जाता है कब इश्क़ का ये सुरूर सर चढ़ जाता है बिन बोले बस साँसों से ही गुफ़्तगू होती रहती है बस चाहत कई अरमानों के ख्वाब संजोती रहती है एक दूजे की ख़ुशी ही बस जीने की वजह बन जाती है चेहरों की तबस्सुम पल पल उनमे अपनापन लाती है हर रुत में प्यार बरसता है ,हर मौसम अच्छा लगता है बस दुनिया में ये एक रिश्ता सच्चा लगता है एक पल भी ओझल ना हों बस दिल ये ही चाहता है दीदार करे जब एक दूजे का सुकूँ तभी बस आता है